खुशखबरी : बॉलीवुड की ये खूबसूरत एक्ट्रेस बनी जुड़वा बच्चों की मां, दे चुकी हैं कैंसर जैसी गम्भीर बिमारी को मात

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माँ बनना किसी भी स्त्री के लिए सबसे खुबसूरत एहसास माना जाता है और आज हम आपको बॉलीवुड की एक ऐसी अभिनेत्री के बारे में बताने जा रहे है जो की कैंसर जैसी गम्भीर बीमारी को भी मात दे चुकी है और जिंदगी को जीने की लगन अभिनेत्री लीजा रे के लिए खुशियां लेकर आई है. कैंसर से जीत हासिल करने के बाद लीजा के लिए सरोगेसी की मदद से दो जुड़वां बेटियों को जन्म दिया हैं, जिसकी वजह से वो बेहद खुश हैं.

लीजा ने इस बात की जानकारी खुद अपने सोशल मीडिया अकाउंट से दी है। बच्चों के साथ उनकी फोटो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही हैं। लीजा ने अपनी बेटियों का नाम ‘सूफी’ और ’सोलेल’ रखा है।आपको बता दें कि साल 2009 में लीजा कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ चुकी हैं। 2010 में स्टेम सेल ट्रांसप्लांट करवाकर उन्होंने कैंसर से जंग जीत ली थी।

वही अपने माँ बनने के बाद एक इंटरव्यू में  लिज़ा ने कहा कि इन दिनों मैं एकदम अलग अनुभवों को महसूस कर रही हूं. बच्चों को दूध पिलाने से लेकर उन्हें सुलाने और घर व कामकाज में संतुलन बैठाने की पूरी कोशिश कर रही हूं. मुझे अपने पति, दोस्तों और परिवारवालों का पूरा सहयोग मिल रहा है. यह एकदम अलग किस्म का एहसास है. मैं जल्द ही अपनी बेटियों को लेकर मुंबई आनेवाली हूं.”

लिज़ा रे ने स्वीकार किया कि युवास्था में उन्हें मां बनने में कोई दिलचस्पी नहीं थी. उन्होंने कहा कि मेरी जीवन में बहुत सी चीज़ें अनप्लान्ड हैं. जेसन के साथ शादी करने के बाद मेरे मन में मां बनने की इच्छा पैदा हुई. शुरुआत में तो मुझे भी इस बात पर विश्वास नहीं हुआ. पर धीरे-धीरे मेरी इच्छा बढ़ती गई| फिलहाल मैं इस बदलाव का भरपूर मजा ले रही हूं। मैं अपनी बेटियों को मुंबई में अपने घर लाना चाहती हूं। मेरी जिंदगी में बहुत सारी चीजें अव्यवस्थित रहीं। जेसन हेडली से शादी के बाद मैंने मां बनने का बड़ा फैसला लिया।’

लीज़ा मानती हैं कि जब उन्हें साल 2009 में एक प्रकार के ब्लड कैंसर से डायग्नॉज़ किया गया था उस वक्त ही उन्हें यह अहसास हो गया था कि लम्बे वक्त तक चलने वाली इस बीमारी की दवाइयों के चलते वह खुद कभी मां नहीं बन पाएंगी. लीज़ा कहती हैं, ‘मेरी किस्मत अच्छी है कि आजकल की नई तकनीक ने मेरी उम्मीदों को बरकरार रखा और मां बनने के लिए इनका इस्तेमाल किया जा सकता है और आज इन्ही तकनीक की मदद से मुझे माँ बनने का ये सुख प्राप्त हुआ |

लीजा रे का कहना है कि मैंने बुरा वक्त देखा है, लेकिन कैंसर के दौरान कभी हताश या निराश नहीं हुईअपनी बेटियों के भविष्य के बारे में लीज़ा कहती हैं, ‘मैं अपनी बेटियों को खुली सोच वाला मज़बूत इंसान बनाने की कोशिश करूंगी और उनको यह यकीन दिलाऊंगी कि जो भी उनका दिल चाहे उसे वह हर हाल में हासिल कर सकतीं हैं|अगली पीढ़ी को अच्छा इंसान बनाना ही बेहतर भविष्य और दुनिया के लिए सबसे अहम् है. मैं अपनी बेटियों के कान में यह बात बोलने के लिए बेचैन हूं कि भविष्य महिलाओं का है.