10वीं बार प्रेग्नेंट होकर हॉस्पिटल पहुंची महिला, डॉक्टर ने कहा कुछ ऐसा कि ..

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इस पूरी दुनियां में चीन के बाद भारत एक ऐसा देश हैं जिसकी जनसंख्या विश्व में सबसे अधिक हैं. इस बढ़ती जनसँख्या के कारण देश में बेरोजगारी, गरीबी, जगह की कमी, प्रदुषण जैसी कई सारी समस्याएं पनप रही हैं. लगातार बढ़ती इस जनसँख्या वृद्धि को रोकने के लिए सरकार समय समय पर कई विज्ञापन जारी करती हैं. फैमिली प्लानिंग जैसे कई नियम कायदे भी बनाए जाते हैं लेकिन फिर भी कुछ लोग होते हैं जो सुधरने का नाम नहीं लेते हैं और देश की आबादी को बढ़ाए जाते हैं. हालत इतने ज्यादा खराब हैं कि अब 125 सांसद पापुलेशन को कंट्रोल में रखने के लिए राष्ट्रपति को यह ज्ञापन सौप रहे हैं कि तीसरा बच्चा पैदा करने वाले दंपत्ति पर दंडात्मक कार्रवाई होनी चाहिए. ऐसे में आज हम आपको एक ऐसे परिवार के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके घर जल्द ही 10वें बच्चे की किलकारियां गूंजने वाली हैं…

दरअसल हाल ही में तमिलनाडु के वेतियानगुड़ी की रहने वाली एक महिला 10वीं बार गर्भवती हुई. उसके पिछले 9 बच्चों की डिलीवरी तो घर पर ही हुई थी लेकिन 10वीं बार गर्भवती होने की वजह से महिला के शरीर में हीमोग्लोबीन की बहुत कमी हो गई. ऐसे में उसे डिलीवरी के लिए अस्पताल आना पड़ा. जब डॉक्टर्स को महिला के 10वीं बार गर्भवती होने की बात पता चली तो वे चौक गए. इससे भी ज्यादा हैरानी की बात तो ये थी कि महिला की उम्र 52 वर्ष हैं और उसकी मेनोपॉज (रजोनिवृति) हो चुकी हैं. लेकिन इसके बावजूद वो किसी तरह गर्भवती हो गई.

ऐसे में महिला की हालत देखते हुए डॉक्टर ने उसे बर्थ कंट्रोल सर्जरी कराने की सलाह दे डाली. हालाँकि महिला को ये सलाह कुछ हजम नहीं हुई. उल्टा महिला ने जब इस गर्भनिरोधक सर्जरी के बारे में सूना तो वो हॉस्पिटल से चुपके से भाग गई. महिला को डर था कि कहीं डॉक्टर डिलीवरी के दौरान उसकी मर्जी के बिना गर्भनिरोधक सर्जरी ना कर दे.

मीडिया सूत्रों की माने तो इस बार ये महिला पुरे 13 साल बाद गर्भवती हुई थी. लेकिन डॉक्टर्स से बर्थ कंट्रोल सर्जरी के शब्द सुनने के बाद उसने अपनी डिलीवरी हॉस्पिटल में ना कराने का निर्णय लिया हैं. हालाँकि महिला की हालत नाजुक हैं लेकिन फिर भी वो अस्पताल नहीं जाना चाहती हैं. उधर ये भी खबर लगी हैं कि इस महिला का परिवार कभी भी एक जगह नहीं टिकता हैं. ये लोग समय समय पर अपना ठिकाना बदलते रहते हैं. महिला अपने पांच बच्चों और पति के साथ रहती हैं जबकि उसके बाकी बच्चों की शादी हो जाने की वजह से वे अलग रह रहे हैं.

ये काफी दुःख कि बात हैं कि लोग आज के आधुनिक जमाने में भी दो से अधिक बच्चे पैदा कर रहे हैं. देश की जनसंख्या लगातार बढ़ती जा रही हैं. इससे भारत में कई तरह की समस्याएँ भी पैदा हो रही हैं. ऐसे में हर भारतीय नागरिक का फर्ज होता हैं कि वे दो से अधिक बच्चे ना पैदा करे और भारत की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने में सहयोग प्रदान करे.

वैसे आपकी इस पुरे मामले पर क्या राय हैं? क्या सरकार को दो से अधिक बच्चे पैदा करने के खिलाफ कोई कानून बनाना चाहिए?