आज हम आपको एक ऐसी घटना से रूबरू करवाने वाले है, जिसके बारे में जान कर आप भी हैरान रह जायेंगे. आपकी जानकारी के लिए बता दे कि यह घटना दिल्ली अमृतसर की है. जी हां आप भी सोच रहे होंगे कि आखिर एक घटना दो जगहों पर कैसे हो सकती है, तो हम आपको बता दे कि यह घटना एक ट्रेन में हुई है. जो अमृतसर से दिल्ली की तरफ जा रही थी. दरसअल जालंधर रेलवे स्टेशन पर पंद्रह अगस्त के दिन एक बेटे ने गलती से अपनी बुजुर्ग माँ को शाम की बजाय सुबह दिल्ली जाने वाली अमृतसर दिल्ली शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन में बिठा दिया. ऐसे में जब टिकट की चेकिंग की गई, तब इस दौरान गलती का पता चला.
बता दे कि इसके बाद भी टीटीई ने उस बुजुर्ग महिला को ट्रेन से नहीं उतारा बल्कि उसे बैठने के लिए अपनी सीट दे दी. वही उस बुजुर्ग महिला के पास जुर्माना देने के लिए और नयी टिकट खरीदने के लिए भी पैसे नहीं थे. ऐसे में टीटीई ने उस बुजुर्ग महिला का जुर्माना खुद ही चुका दिया. केवल इतना ही नहीं इसके इलावा टीटीई के जज्बे को देख कर वहां मौजूद यात्रियों ने पैसे जमा करके उस बुजुर्ग महिला के लिए नया टिकट भी ले लिया. आपकी जानकारी के लिए बता दे कि यह पूरा किस्सा उसी ट्रेन में मौजूद एक यात्री द्वारा ट्वीट करके शेयर किया गया था.
अब जाहिर सी बात है कि जब उस टीटीई ने इतना बेहतरीन काम किया है और कानून का उल्लंघन भी नहीं होने दिया तो ऐसे में उसे सम्मानित करना तो बनता है. बता दे कि रेलवे ने उस टीटीई को सम्मानित करने का फैसला किया है. बरहलाल आज जहाँ हमारे समाज में इंसानियत कही खत्म होती जा रही है, वही इस टीटीई ने बुजुर्ग महिला की मदद करके यह साबित कर दिया कि इस दुनिया में इंसानियत आज भी जिन्दा है. वही अगर खबरों की माने तो ऐसा सुनने में आया है कि उस बुजुर्ग महिला की उम्र 75 साल है और उसे जालंधर से दिल्ली जाना था. जी हां इस वजह से उस महिला का टिकट शाम को अमृतसर दिल्ली जाने वाली शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन में किया गया था.
मगर महिला के बेटे ने गलती से टिकट की बुकिंग सुबह के समय समझ ली और वह अपनी माँ को सुबह के समय ट्रेन में बिठा आया. फिर जब ट्रेन लुधियाना से आगे पहुँच गई, तब अमृतसर के टीटीई दर्शन सिंह टिकटों की जाँच करते हुए उस बुजुर्ग महिला के पास पहुँच गए. मगर टिकट की जाँच करने पर यह पता चला कि वह टिकट शाम की है. बरहलाल उस समय ट्रेन में एक भी सीट खाली नहीं थी, जिसके कारण टीटीई ने उस महिला को अपनी सीट ही दे दी. बता दे कि जुर्माना और नयी टिकट की फीस मिला कर महिला को करीब 2200 रूपये चुकाने थे. जो उसके पास नहीं थे.
ऐसे में उस महिला ने टीटीई से कहा कि उसके पास इतने पैसे नहीं है. जी हां महिला का कहना था कि दिल्ली में उसके परिवार के लोग ही उसे लेने के लिए आ रहे है. इसलिए उसने इतने पैसे घर से नहीं लिए. गौरतलब है कि दर्शन सिंह की दरियादिली देख कर सभी यात्री हैरान रह गए और फिर सब ने सौ सौ रूपये देने की सहमति भी कर दी. वही इस बारे में फिरोजपुर मंडल रेलवे के डीसीएम अमिताभ कुमार का कहना है कि टीटीई ने वास्तव में बहुत बेहतरीन काम किया है. इसलिए उन्हें जीएम अवार्ड के लिए नामित करने के लिए फ़ाइल भी तैयार की जा रही है.