आखिर क्यों गर्भवती महिला को कंधे पर उठा भागा ये पुलिसकर्मी? वजह जान गर्व से फूल जाएगा सीना

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दोस्तों आज के कलयुग के जमाने में ऐसा बहुत कम होता हैं कि हमें इंसानियत देखने को मिलती हैं. आज के जमाने में यहाँ हर व्यक्ति स्वार्थी होता हैं. बिना मतलब के वो कभी किसी अंजान की मदद नहीं करता हैं. ऐसे में आज हम आपको एक ऐसा किस्सा सुनाने वाले हैं जिसके बारे में जानकार आपको एक बार फिर इंसानियत पर भरोसा हो जाएगा. आज के इस आर्टिकल में हम एक नेकदिल पुलिसकर्मी की चर्चा करेंगे. आमतौर पर लोग पुलिस की कामचोरी, दादागिरी या भ्रष्टाचारी की बाते सोशल मीडिया पर ज्यादा करते हैं लेकिन सभी पुलिस वाले ऐसे नहीं होते हैं. कुछ इतने अच्छे भी होते हैं जो आपका सीना गर्व से फुला देते हैं. एसओ सोनू राजौरा उन्ही लोगो में से एक हैं.

दरअसल एसओ सोनू राजौरा को 14 सितंबर शुक्रवार के दिन मथुरा की एक अदालत में पेशी के लिए जाना था. ऐसे में वे जैसे ही मथुरा के कैंट स्टेशन पर उतरे तो उन्हें वहां एक गर्भवती महिला प्रसव पीड़ा से जूझती दिखाई दी. ये गर्भवती महिला (भावना) और उसका पति (महेश) अस्पताल जाने का साधन ढूंढ रहे थे. ये लोग शहर में नए थे और इन्हें कोई साधन नहीं मिल रहा था. जब एसओ सोनू राजौरा ने यह नजारा देखा तो वे तुरंत उनके पास गए और कॉल कर एम्बुलेंस को बुलाने की कोशिश की. लेकिन जब एंबुलेंस नहीं आई तो इस पुलिसकर्मी ने खुद ही महिला को कंधे पर उठा लिया और अस्पताल की तरफ दौड़ गए. जानकारी के मुताबिक महिला और बच्चे दोनों की हालत अब स्थिर हैं.

महिला के पति महेश ने बताया कि हम लोग शुक्रवार को हाथरस से फरीदाबाद जा रहे थे तभी रास्ते में मथुरा में मेरी पत्नी को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई. हम इस शहर में नए थे. हमने लोगो से मदद मांगने की कोशिश भी करी लेकिन कोई नहीं रुका. फिर सोनू जी हमारे पास आए और उन्होंने एंबुलेंस बुलानी चाहि. लेकिन जब वो नहीं आई तो उन्होंने ऑटो का इंतजाम किया. हालाँकि मेरी बीवी को ऑटो से उतरने के बाद भी अस्पताल ले जाना था जो कि करेब 100 मीटर की दूरी पर था. वहां स्ट्रेचेर की व्यवस्था नहीं थी. ऐसे में सोनू जी ने बिना वक़्त गवाए भावना को अपने कंधे पर उठाया और अस्पताल पंहुचा दिया. हमे वहां एडमिट करा के वो चले गए थे. इस जल्दबाजी में हमें उन्हें ठीक से धन्यवाद करने का मौका भी नहीं मिला. आज मेरी बीवी और बच्चे उन्ही की वजह से सही सलामत हैं. हम उनका जितना धन्यवाद करे कम हैं.

जब सोशल मीडिया पर ये तस्वीरें वायरल हुई तो हर कोई इस पुलिसकर्मी की तारीफ़ करने लगा. उधर एसओ सोनू राजौरा ने कहा कि ‘एक पुलिसकर्मी होने के नाते ये मेरी ड्यूटी हैं कि मैं लोगो की मदद करूँ. मैंने 108 और 102 पर कॉल कर ऐंबुलेंस बुलाने की कोशिश भी की लेकिन वो नहीं आ सकी. वे लोग मथुरा में नए थे और उन्हें वहां के बारे में कुछ ज्यादा जानकारी नहीं थी’

सच में इस पुलिसकर्मी ने एक अंजान व्यक्ति के लिए ड्यूटी पर ना होते हुए भी जो कुछ किया वो काबिले तारीफ था. यह घटना हमें सिख देती हैं जब भी कोई मुसीबत में हो तो उसकी मदद जरूर करना चाहिए. भगवान ना करे यदि कल को हम खुद ही इस मुसीबत में फंस जाए तो हम भी यही उम्मीद रखेंगे कि लोग हमारी मदद करे.