जब JCB में फंस कर कटा कोबरा तब बदला लेने के लिए सामने आई नागिन और फिर जो हुआ वो जान कर उड़ जायेंगे होश

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यूँ तो आपने छोटे और बड़े परदे पर कई बार नाग नागिन की बेहतरीन कहानिया देखी और सुनी होंगी, लेकिन आज हम आपको एक ऐसी कहानी के बारे में बताने जा रहे है, जिसके बारे में जान कर आप भी चौंक जायेंगे. जी हां अब इस कहानी में कितनी सच्चाई है, ये तो आपको पूरी खबर पढ़ने के बाद ही पता चलेगा. तो चलिए अब आपको इस खबर के बारे में विस्तार से बताते है. बता दे कि यह खबर पानीपत खटीमा से सामने आई है. जहा हाइवे पर एक पुल का निर्माण चल रहा था. बरहलाल इस दौरान मिटटी का खदान करते समय वहां कुछ ऐसा घटित हुआ, जिसे देख कर वहां मौजूद मजदूर भी हक्के बक्के रह गए.

दरअसल खुदाई करते समय एक कोबरा नाग जेसीबी के पंजे में फंस गया और उसी में फंस कर कट गया. ऐसे में एक नागिन वहां बदला लेने के लिए पहुंची और इस नजारे को देख कर वहां मौजूद सभी लोग डर गए. गौरतलब है कि वह नागिन कोबरा की मौत देख कर काफी गुस्से में आ गई थी और पूरी तरह से बौखलाई हुई थी. ऐसे में उस नागिन ने जेसीबी पर कब्ज़ा तक कर लिया था. वही जेसीबी पर मौजूद सभी चालक और मजदूर उस नागिन को देख कर बेहद डर गए थे. बता दे कि वह नागिन जेसीबी के सामने फन फैलाये बैठी थी.

बरहलाल इस नजारे को देख कर सभी लोग जेसीबी से नीचे कूद गए. वैसे आपको जान कर ताज्जुब होगा कि वह नागिन करीब चौबीस घंटे तक एक ही जगह पर बैठ कर फुंकारती रही. जिसके कारण वहां काफी लोग जमा हो गए. इसके बाद एक सपेरे को उस नागिन को पकड़ने के लिए वहां बुलाया गया. गौरतलब है कि उस सपेरे ने काफी मेहनत करके उस नागिन को अपने कब्जे में ले ही लिया. वैसे आपको बता दे कि इस कहानी की शुरुआत तब हुई थी, जब कुछ मजदूर मिटटी का खदान करने के लिए पहुंचे थे और इसी दौरान नहर पटरी से कुछ सांप और गोए आदि निकले थे.

बता दे कि उसी समय एक कोबरा उनकी जेसीबी में फंस कर कट गया था. यानि अगर हम सीधे शब्दों में कहे तो उन्होंने यह गलती बिलकुल भी जानबूझ कर नहीं की थी. गौरतलब है कि उस मरे हुए कोबरा को नहर के किनारे डाल दिया गया था. जिसके बाद मजदूर जेसीबी पर बैठ कर खाना खाने लगे. मगर उन्होंने जैसे ही पहला निवाला मुँह में डाला, वैसे ही नागिन अपना फन फैलाये वहां आ पहुंची.

बरहलाल जब हर व्यक्ति नागिन को भगाने में असफल रहा, तब नागिन को पकड़ने के लिए जनपद मुरादाबाद थाना ठाकुरद्वारा के गांव करणपुर डिलारी के रहने वाले व्यक्ति किशन के बेटे राम सिंह को बुलाया गया. जिसने करीब डेढ़ घंटे के बाद नागिन को पकड़ ही लिया. बरहलाल इस बहादुरी के लिए उसे पांच हजार रूपये का इनाम भी दिया गया.

वैसे इस कहानी को पढ़ने के बाद हम तो यही कहेंगे कि नागिन से कभी भूल कर भी दुश्मनी न करे, क्यूकि नागिन से दुश्मनी करना वास्तव में काफी महंगा पड़ सकता है.