एक गरीब चरवाहे ने बचाई थी लड़की की जान, फिर नौ साल बाद लड़की ने इस तरह से चुकाया एहसान

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आज हम आपको एक ऐसी कहानी के बारे में बताने जा रहे है, जिसके बारे में जान कर आपके अंदर की इंसानियत भी जाग जाएगी. गौरतलब है कि यह घटना असम की है. जी हां दरअसल असम के जंगलो में एक चरवाहा अपने जानवर चरा रहा था. बस इसी दौरान उसका एक जानवर काफी दूर तक निकल गया. ऐसे में वह चरवाहा अपने जनवर को ढूंढने के लिए आगे की तरफ बढ़ता गया और तभी उसकी नजर झाड़ियों पर पड़ी. दरअसल उस झाड़ियों के अंदर से कुछ आवाजे आ रही थी. बता दे कि जब चरवाहे ने उन झाड़ियों के पास जाकर देखा तो उसकी आंखे फ़टी की फ़टी रह गई. वो इसलिए क्यूकि उन झाड़ियों में ही एक जवान लड़की बंधी पड़ी थी.

गौरतलब है कि पहले तो वह चरवाहा उस लड़की के पास जाने से भी डर रहा था, क्यूकि वह जानता था कि यह किडनैपिंग का मामला है और अगर वह इसमें फंस गया तो उसकी जान मुश्किल में पड़ सकती है. मगर फिर भी उस चरवाहे ने हिम्मत करके उस लड़की को आजाद कर ही दिया. बता दे कि वह लड़की काफी सहमी हुई थी और उसे जंगल के रास्ते के बारे में भी कुछ नहीं पता था. ऐसे में वह चरवाहा उस लड़की को अपने घर ले गया. गौरतलब है कि घर जाने के बाद ही वह लड़की बेहोश हो गई और उसे करीब चार घंटे के बाद होश आया. जिसके बाद लड़की ने बताया कि वह गुवाहाटी की तहसील चंद्रपुर की रहने वाली है.

इसके बाद लड़की ने बताया कि उसका नाम नीतू सिंह है और वह इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ती है. दरअसल छह दिन पहले वह लड़की अपने घर जा रही थी. ऐसे में वह बस स्टैंड पर खड़ी होकर बस का इंतजार कर रही थी. मगर तभी चार बदमाशों ने उसे अपनी कार में बैठा कर इन झाड़ियों में बाँध दिया. बता दे कि उन लोगो के पास बंदूके भी मौजूद थी. इसके साथ ही आपको बता दे कि लड़की के शरीर पर कई जख्म भी थे. जिससे इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि उन बदमाशों ने लड़की को सिगरेट या अन्य किसी चीज से जरूर जलाया होगा. वही अगर हम चरवाहे की बात करे तो उसका नाम मंकेटश्वर राव है. जो बेहद गरीब आदमी था.

बता दे कि उसकी पत्नी और बेटी उसी के साथ रहते थे. यहाँ तक कि वह एक टूटे फूटे घर में रह कर ही अपना जीवन गुजार रहा था. गौरतलब है कि रात को वह लड़की मंकेटश्वर राव के घर पर ही रुकी थी और सुबह उस लड़की की घर जाने की हिम्मत नहीं हो रही थी. जिसके तहत मंकेटश्वर राव उसे गुवाहाटी तक छोड़ने के लिए गया और साथ ही उसे कुछ पैसे भी दे दिए. हालांकि वापिस आने के बाद वह कई दिनों तक जंगलो में भटकता रहा और तब कही जाकर वह अपने सभी जानवरो को ढूंढ पाया. बता दे कि नौ साल बीतने के बाद जब मंकेटश्वर राव अपने घर वापिस आया तो उसने देखा वहां चार गाड़ियां खड़ी थी.

गौरतलब है कि अंदर जाने के बाद मंकेटश्वर ने सभी लोगो को डरते हुए नमस्ते किया और तभी एक खूबसूरत लड़की वहां से उठी और उसने पूछा कि क्या अभी भी जानवर ही चराते हो. इसके बाद मंकेटश्वर ने हां में सर हिला दिया और फिर उस लड़की ने कहा कि चाचा क्या मुझे भूल गए. मैं वही हूँ जिसे आपने बचाया था. बता दे कि इसके बाद नीतू की आँखों में आंसू आ गए थे.

बरहलाल इसके बाद नीतू ने कहा कि आप सब लोग तैयार हो जाईये, क्यूकि अब सब को गुवाहाटी चलना है. बता दे कि नीतू ने मंकेटश्वर को रहने के लिए एक नया मकान भी दिया और उसकी बेटी का एक अच्छे स्कूल में दाखिला भी करवाया. यहाँ तक कि अब मंकेटश्वर ने कपड़ो की एक बड़ी सी दुकान भी खोल ली. जहाँ एक नौकर भी काम करता है. वही अगर नीतू की बात करे तो वह आज एक एक्सईएन है और वह हर हफ्ते एक दिन रहने के लिए मंकेटश्वर के घर जरूर जाती है.

जी हां वो कहते है न कि जब कोई इंसान सच्चे मन से किसी का भला करता है तब उसे बदले में अच्छा ही मिलता है.