मछली पकड़ने गए थें दो भाई, जाल में फंसा कुछ ऐसा कि बदल गई दोनों भाईयों की किस्‍मत

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आए दिन आपको कुछ न कुछ ऐसी खबरें सुनने को जरूर मिल जाती हैं जिनपर यकीन करना असंभव सा होता है। वहीं आज भी कुछ ऐसा हुआ सबसे पहले तो आप ये बताइए कि अगर आपसे पूछा जाय की मछली की कीमत क्‍या होती है और आप अनुमानत आप ज्यादा से ज्यादा हजारों में कीमत बताएंगे। लेकिन आपको बता दें कि दरअसल आपको बता दें कि महाराष्ट्र के पालघर में एक मछली की इतनी कीमत लगी है जो हैरान करने वाली है। जी हां दरअसल आपको बता दें कि यहां एक मछली साढ़े पांच लाख रुपए में बिकी है। वहीं यहां पालघर में घोल मछली को रिकॉर्ड कीमत मिले हैं। एक मछली साढ़े पांच लाख में खरीदी गई।

दरअसल आपकी जानकारी के लिए बता दें कि घोल मछली के फेफड़े और स्किन का इस्तेमाल दवाईयां और कॉस्मेटिक तैयार किया जाता है। घोल मछली की स्किन में उच्च गुणवत्ता वाला कोलेजन पाया जाता है। इस कोलेजन को दवाओं के अलावा क्रियाशील आहार, कॉस्मेटिक उत्पादों को बनाने में प्रयोग किया जाता है। बीते कुछ वर्षों में इन सामग्री की वैश्विक मांग बढ़ रही है। यहां तक कि घोल का महंगा कमर्शल प्रयोग भी होता है। उदाहरण के लिए आपको बता दें कि इन मछली के पंखों को दवा बनाने वाली कंपनियां घुलनशील सिलाई और वाइन शुद्धि के लिए इस्तेमाल करती हैं।

बताया जा रहा है कि शुक्रवार को ये मछुआरे रोज की तरह पालघर समुद्रतट पर मछलियां पकड़ने गए थे। यहां उसके जाल में घोल मछली फंस गई। बताया जा रहा है कि काफी लंबे समय बाद यहां से कोई घोल मछली मिली है। वहीं ये भी बता दें कि इस मछली का वजन लगभग 30 किलोग्राम था। महेश और उनके भाई द्वारा पकड़ी गई घोल फिश की खबर जंगल में आग की तरह फैल गई।

सोमवार को जब तक वे समुद्र के किनारे पहुंचते किनारे पर व्यापारियों की लंबी लाइन लगी थी। दोनों के आते ही घोल मछली की बोली शुरू हुई। ये बात भी सच है कि इन मछुआरों को पता भी नहीं होगा कि आज मछली पकड़ने के दौरान इनके हाथ लॉटरी लगने वाली है। एक दिन में इन्‍हें इतनी ज्यादा कीमत इस मछली की मिल गई इन्‍होनें तो कभी सपने में भी नहीं सोचा था। इनके लिए ये किसी चमत्‍कार से कम नहीं है।

आपको बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि ये मछली किसी मछुआरे के हाथ लगी हो हो जी हां क्‍योंकि इससे कुछ ही समय पहले मई में भायंदर के एक मछुआरे विलियम गबरू ने यूटान से एक मंहगी घोल पकड़ी थी। जो कि 5.16 लाख रुपये में बिकी थी। यूटान मछुआरे मैल्कम कसूगर ने कहा, ‘घोल मछली जो सबसे सस्ती होती है उसकी कीमत भी 8,000 से 10,000 तक होती है। यह मछली सामान्यता सिंगापुर, मलयेशिया, इंडोनेशिया, हॉन्ग-कॉन्ग और जापान में निर्यात की जाती है।

वैसे देखा जाए तो ये वाकई में बेहद अजीबों गरीब घटना है और किसी को भी इसपर विशवास करना मुश्किल हो जाएगा। जो भी हो लेकिन ये बात तो सच है कि इस मछली ने मछुआरे की किस्‍मत बदल कर रख दी।