90 प्रतिशत लोगों को नहीं पता होगी ये बात, रेलवे स्‍टेशन बोर्ड पर आखिर क्‍यों लिखी जाती है समुद्र तल की ऊंचाई

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अगर आप भी रेलवे में सफर करते होंगे तो आज हम आपको रेलवे से जुड़े एक खास जानकारी देने वाले हैं। जो शायद आज से पहले आपको नहीं पता होगी। जी हां कई चीजें होती सवाल जरूर आते हैं लेकिन ऐसा भी होता है। या फिर व्यक्ति उस समय के बाद खुद ही उन सवालों को भूल जाता है लेकिन आज हम जिस विषय में आप से बात करने वाले हैं रेलवे से संबंधित है पर यह बात भी सच है ईटी परसेंट यात्री रेलवे में सफर करते हैं।

दरअसल आपने कई बार ऐसा देखा होगा कि रेलवे स्टेशन के बोर्ड जिनपर स्टेशन के नाम लिखर रहते हैं उंसके साथ हीं नाम के नीचे समुन्द्र तल की ऊंचाई भी लिखी होती है। लेकिन आपको शायद ये नहीं पता होगा कि ऐसा क्यों होता है तो आइए आज हम आपको इसके बारे में विस्तार से जानकारी देते हैं।

सबसे पहले तो आप ये जान लें की समुद्र तल यानि की समुद्र के जल के उपरी सतह की औसत ऊँचाई का मान होता है। इसकी गणना ज्वार-भाटे के कारण की जाने वाली समुद्री सतह के उतार चढ़ाव का लंबे समय तक ध्‍यान में रखकर उसका औसत निकाल कर किया जाता है जिसे समुद्र तल से ऊँचाई में व्यक्त किया जाता है। वहीं ये भी बता दें की इसका प्रयोग धरातल पर स्थित बिंदुओं की ऊँचाई मापने के लिये सन्दर्भ तल के रूप में किया जाता है।

ये बात तो हर कोई जानता है कि पृथ्वी गोल है और यही कारण है कि दुनिया की एक सामान ऊंचाई का अंदाजा लगाने के लिए वैज्ञानिकों को ऐसा तरीका खोजा है वहीं आपको ये भी बता दें की इसके लिए एक पॉइंट की जरुरत होती है, जो एक सामान रहे। इसके लिए समुद्र से अच्छा कोई दूसरा विकल्प नहीं है। इसका कारण ये है कि समुद्र का पानी एक सामान रहता है।

अब आप ये सोच रहे होंगे की भला इसे रेलवे स्‍टेशन के बोर्ड पर लिखने का क्‍या मतलब होता होगा तो अापको बता दें की ये ऊंचाई रेल के ड्राईवर और गार्ड के लिए लिखी होती है। अगर मान लें की ट्रेन 150 मीटर समुद्र तल की ऊंचाई से ट्रेन 200 मीटर समुद्र तल की ऊंचाई पर जा रही है तो इस बोर्ड से इस साइन बोर्ड देखकर ड्राईवर को अंदाजा हो जाता है कि उसको किस हिसाब से ट्रेन के इंजन की स्पीड बढ़ानी है।

इसके अलावा इस बोर्ड के मदद से ड्राइवर को ट्रेन के ऊपर लगे बिजली के तारों को एक सामान ऊंचाई देने में भी मदद मिलती है। इसकी वजह से बिजली के तार ट्रेन के तारों से हर समय टच में रहते हैं और ट्रेन की स्‍पीड ड्राइवर के अनुसार घटती बढ़ती है।

इन सभी बातों को ध्‍यान में रखकर रेलवे के भी इंजिनियर स्टेशन पर समुन्द्र तल से ऊँचाई का जिक्र स्टेशन के मुख्य बोर्ड पर करते है। आपने अक्‍सर देखा होगा की ये बोर्ड स्टेशन के सभी प्लेटफार्म के दोनों छोर पर लगा रहता है।

वहीं ये भी बता दें की ये सभी स्टेशनों पर नहीं होता है बल्‍कि ये अक्सर उन स्टेशनों पर होता है जिन स्टेशनों से ट्रेनों का सफर उतार चढ़ाव का होता है।