स्वास्थ: क्या होता है यूरिक एसिड ? जानें क्या है इसके लक्षण और कैसे बचे इसके दुष्प्रभावों से

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आज की भागदौड़ की जिंदगी में यूरिक एसिड बढ़ जाना आम बात हो गई है, पर बार-बार यूरिक एसिड का बढ़ना खतरे की घंटी है। इसका सीधा प्रभाव गुर्दो व यकृत पर पड़ता है। जब शरीर में एसिड व यूरिया का अनुपात अंधिक हो जाता है, तो पेशाब व खून में यूरिया का अनुपात बढ़ जाता है, जिससे सर्वप्रथम पैर के अंगूठे में दर्द व सूजन शुरू हो जाती है। धीरे-धीरे यह सूजन बढ़कर टखने व ऐड़ी को भी चपेट में ले लेती है।

जैसा की हम सभी  जानते है की हमारे शरीर को स्वस्थ रहने के लिए शरीर में पाए जाने वाले हर तत्व का सही संतुलन बना रहना अति आवश्यक है और यदि इन तत्वों में से कोई भी तत्व जरा भी कम ज्यादा हो जाता है तो इसका सीधा प्रभाव हमारे शरीर पर दिखाई देने लगता है जिस वजह से हमे कई तरह की बिमारियों का सामना करना पड़ता है |हमारे शरीर में एसिड तो की मात्रा तो पाई ही जाती है लेकिन यदि इन एसिड का संतुलन बिगड़ जाता है तो हमे बड़ी समस्या भी झेलनी पड़ती है |

जैसे शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने से गाउट रोग हो जाता है जो एक प्रकार का गठिया रोग ही होता है जिसमें शरीर के जोड़ों में बहुत दर्द रहने लगता है। ऐसे में ये जानना बेहतर होगा कि यूरिक एसिड क्या होता है और इसकी मात्रा बढ़ने के क्या कारण होते हैं ताकि इस एसिड की मात्रा को बढ़ने से रोककर गाउट जैसी बीमारी से बचा जा सके। तो चलिए जानते हैं यूरिक एसिड के बारे में–

यूरिक एसिड कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन और नाइट्रोजन जैसे तत्वों से मिलकर बना कम्पाउंड होता है जो शरीर को प्रोटीन से एमिनो अम्लों के रूप में प्राप्त होता है। इस एसिड की सामान्य मात्रा तो यूरिन के साथ शरीर से बाहर निकल जाती है लेकिन जब इसकी ज़्यादा मात्रा शरीर में बनने लगती है तो ये मात्रा बाहर निकलने की बजाये शरीर में ही जमा होती जाती है और गठिया का रूप ले लेती है।

कारण-

कभी-कभी कीमोथेरेपी जैसे बड़े ईलाज के दुष्प्रभाव से यूरिक एसिड का स्तर बढ़ जाता है, पर सामान्य मामलों में, यूरिक एसिड के बढ़ने के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं।

मोटापा,अनुवांशिकता,मधुमेह,सोरायसिस,उच्च रक्तचाप,किडनी की बीमारी,हाइपोथायरायडिज्म,दिल की दवाएं,मूत्रवर्धक गोलियाँ,एंजाइम विकार,ज्यादा शारीरिक गतिविधि,विटामिन बी 3 या नियासिन के बढ़े स्तर,शराब का अधिक सेवन (विशेष रूप से रेड वाइन)

यूरिक एसिड के लक्षण

यूरिक एसिड के कुछ लक्षण इस प्रकार से है : हाथों-पैरों में एठन,जोड़ों में दर्द,अंगों में सूजन,उठने-बैठने में परेशानी होना,जोड़ो में हल्की-हल्की चुभन,यूरिक एसिड बढ़ने का कारण,खान-पान में पोषक तत्वों की कमी होने पर यूरिक एसिड बढऩा शुरू हो जाता है,दवाइयों के ज्यादा सेवन से भी यह परेशानी हो सकती है,जरूरत से ज्यादा प्रोटीन खाने से रक्त में यूरिक एसिड की मात्रा बढने लगती है,एक्सरसाइज या शारीरिक श्रम की कमी होने से भी शरीर में यूरिक एसीड बनने लगता है।

सलाह :

एक स्वस्थ मनुष्य को 24 घंटे में करीब 150 ग्राम प्रोटीन की आवश्यकता होती है। यदि प्रोटीन का स्तर लंबे समय तक बढ़ाया जाए, तो यूरिक एसिड की समस्या हो सकती है। यदि प्रोटीन एसिडिट है तो वह और भी खतरनाक होता है। ऐसे में उड़ददाल, कुलथी, मांस, एल्कोहल, अधिक खटटे पदार्थ, सोयाबीन, खमीर, मंगोड़ी, पापड़, पनीर, नारियल, इमली, कैरी, दही, बाजरा, मटर, चना, कटहल आदि सीमित मात्रा में लें।

 

उपचार :

यूरिक एसिड बढ़ने पर सबसे बेहतर व कारगर उपचार है कि रोगी सात दिन के फलाहार उपवास पर आ जाए। फलाहर में फलों का चयन भी इस प्रकार से करें, जिनमें कार्बोहाइड्रेट अधिक हो, जैसे- पपीता, चीकू, लीची, तरबूज, आम, खीरा, ककड़ी आदि।