अभी अभी : पांच बार मुख्यमंत्री पद पर विराजमान रह चुके इस बड़े नेता की मौत से देश भर में शोक की लहर

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पांच बार तक लगातार तमिलनाडू के मुख्यमंत्री पड़ पर बने रहने के बाद आज 94 साल की उम्र में डीएमके अध्यक्ष एम करूणानिधि का निधन होगया. आपको बता दें की बीते कुछ समय से चेन्नई के अस्पताल में अपनी ख़राब सेहत की वजह से करूणानिधि एडमिट थे और आज दिन भर में यहीं खबरें आ रही थी करूणानिधि की हालत काफी गंभीर हो गयी और अब आखिर कार कुछ देर पहले ही डीएमके अध्यक्ष की मौत की घोषणा की गयी है और इसके साथ ही उनके चाहने वालों सहित सम्पूर्ण देश में शोख की लहर आ गयी है.

 

आपको बता दें की एम करूणानिधि पचास साल से भी ज्यादा समय से अपनी पार्टी डीएमके के पार्टी प्रेसिडेंट रह चुके हैं और राजनीती में उन्हें एक शाश्क्त नेता के रूप में देखा जाता था. बता दें की तमिलनाडु जहाँ की जय ललिता को सबसे बड़ा नेता माना जाता था वहां अगर कोई उनका सबसे बड़ा विपक्ष नेता था तो वो एम करूणानिधि ही थे. बता दें की राजनीती में अपने कदम ररखने से पहले एम करूणानिधि ने बहुत सी किताबें और उपन्यास के साथ ही कई सारे तमिल फिल्मों का स्क्रिप्ट भी लिखा है.

बता दें की राजीनीति में करीबन छह दशकों से भी ज्यादा राज करने वाले करूणानिधि ने आज तक अपने राजनितिक इतिहास में एक भी चुनाव नहीं हारा. एम् करूणानिधि के चाहनेवाले उन्हें आदर भाव से तमिल भाषा में “कलाईनार” यानि की कला में माहिर और वाकई में करूणानिधि जैसे नेता देश में एक बार ही पैदा होता है जिसकी शक्सियत इतनी बड़ी हो की लोग उनकी मृत्यु पर रोयें. तमिलनाडू में अभी जैसा मंजर है वो इससे पहले जय ललिता की मौत पर ही दकेह गया था. आज तमिनाडु के लोगों से उनका दूसरा सबसे बड़ा नेता भी छीन गया, बता दें की बीते शनिवार की रात को एम करूणानिधि को चेन्नई के हॉस्पिटल में उनका ब्लड प्रेस्सर लो होने की वजह से एडमिट करवाया गया था.

आपकी जानकारी के लिए बता दें की एम करूणानिधि चेन्नई के कावेरी हॉस्पिटल में एडमिट थे जहाँ कल रात से ही उनकी सेहत में काफी गिरावट आई थी और शाम हॉस्पिटल ने एक स्टेटमेंट जारी कर मीडिया सहित पुरे देश को बताया की एम करूणानिधि अब नहीं रहे. इस खबर के साथ ही करूणानिधि के परिवार सहित उनके चाहने वालों में शोक की लाहर दौड़ उठी. माना जा रहा है की करूणानिधि ने निधन का डीएमके पार्टी के भविष्य पर भी गहरा आघात हुआ है क्यूंकि पार्टी को उनके जैसा अब दूसरा नेता नहीं मिल पायेगा, ओव एक तरह से पार्टी के सपोर्ट सिस्टम थे.

बता दें की एम् करूणानिधि अपनी सेहत को लेकर काफी चौकन्ने रहते थे और एक हेल्दी लाइफ ही जी रहे थे लेकिन 94 साला की उम्र में शारीर का कौन सा नाग कब जवाब दे जाए कहना मुश्किल है. इससे पहले भी 19 जुलाई को उन्हें चेन्नई के ही कावेरी हॉस्पिटल में एडमिट करवाया गया था जहाँ से उन्हें देर शाम छुट्टी दे दी गयी थी. बहरहाल आज डीएमके अध्यक्ष अपनी जिंदगी की जंग हार गए और इसके साथ ही राजनीती का एक बड़ा चेहरा हमेशा के लिए दूसरी दुनिया की तरफ प्रस्थान कर गया. एम् करूणानिधि की मौत भारतीय राजनीती के लिए एक बड़ी हार है जिसकी भरपाई हो पाना मुश्किल है.