होली वाले दिन किन्नरों को अपने स्टूडियो बुलाकर ये काम करते थे राज कपूर

248

इन दिनों होली का माहौल देशभर में छाया हुआ है। हर जगह होली की धूमधाम और गाने सुनाई दे रहे हैं। ऐसे में होली की धूमधाम से बॉलीवुड कैसे पीछे रह सकता था। बॉलीवुड में भी जमकर होली मनाई जाती है और यहां अभी से नहीं बल्कि वर्षों से मनाई जाती है। होली मनाने का रिकॉर्ड बॉलीवुड में दशकों पुराना रहा है। आपको बता दें कि बॉलीवुड में कपूर फैमिली की होली सबसे मशहूर रही है। पृथ्वीराज कपूर के जमाने से शुरू हुई होली मनाने की परंपरा को राज कपूर ने भी कायम रखा था। राज कपूर के जमाने में आर के स्टूडियो की होली का इंतजार इंडस्ट्री के हर बड़े से लेकर छोटे स्टार तक को होता था। अब ऐसे में ना तो राज कपूर रहे हैं ना ही उनके जैसी होली पार्टी करने वाले लोग। हालांकि कुछ किस्से ऐसे है जिनका जिक्र अक्सर ऐसा होता है।

गौरतलब है कि राज कपूर की होली पार्टी में फिल्म इंडस्ट्री के लोग दिनभर खूब मौज मस्ती करते थे, लेकिन सबके जाने के बाद शाम 4:00 बजे के लगभग आरके स्टूडियो में खास मेहमान किन्नर आते थे। आपको बता दें कि राज कपूर का एक नियम था। जिसके मुताबिक वह हर साल किन्नरों के साथ भी होली खेलते थे । रंग गुलाल के बाद किन्नरों के साथ गाने बजाने की महफिल सजती थी। कहा जाता है कि राज कपूर किन्नरों पर भरोसा करते थे। वह किन्नरों को अपनी आने वाली फिल्मों के बारे में बताते थे। उन्हें फिल्मों के गाने भी सुनाते थे। ऐसे में जब किन्नरों की मंजूरी मिल जाती थी उसी के बाद वह उस गाने को अपनी फिल्म में रखते थे।

वर्ष 1985 में रिलीज हुई फिल्म ‘राम तेरी गंगा मैली’ का भी कुछ ऐसा ही हाल है। हमेशा की तरह राज कपूर ने इस बार भी किन्नरों को इस फिल्म के गाने सुनाएं। फिल्म के सभी गाने पर किन्नरों ने सहमति जताई, लेकिन एक गाने पर उन्हें आपत्ति थी। आपको बता दें कि ऐसे में जब यह गाना किन्नरों को पसंद नहीं आया तो राज कपूर ने संगीतकार रविंद्र जैन को बुलाया और इसके बदले का नया गाना बनाने को कहा। इस फिल्म के बारे में दिवंगत फिल्म समीक्षक जयप्रकाश चौकसे ने बताया था कि सभी लोगों के चले जाने के बाद शाम 4:00 बजे किन्नर राज कपूर से मिलने आया करते थे। वह उन्हें आर के स्टूडियो में नचवाते थे और अपनी फिल्मों के गीत सुनाते थे। इसके बाद जब किन्नरों की मंजूरी मिल जाती थी उसके बाद वह गाना फिल्म का हिस्सा बन पाता था।

‘राम तेरी गंगा मैली’ फिल्म के गानों में एक गाना किन्नरों को अच्छा नहीं लगा था। इसके बाद राज कपूर ने उनकी सलाह का मान रखते हुए एक नया गाना बनवाया जो कि ‘सुन साहिबा सुन’ बनकर तैयार हुआ। जब यह गाना बनकर तैयार हुआ तो फिर से किन्नरों को सुनाया तो उन्हें बेहद पसंद आया। किन्नरों ने राज कपूर से कहा था देख लेना यह गाना सालों-साल चलेगा और कुछ ऐसा हुआ भी।