इधर सब लोग पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी को दे रहे थे श्रद्धांजलि, उधर नवजोत सिंह सिद्धू ने कर दी ऐसी हरकत कि शर्म से झुक जाएगा सर

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गौरतलब है कि जहाँ एक तरफ आज पूरा देश अटल जी को खोने के गम में शोक मना रहा है, वही दूसरी तरफ भारत के कुछ लोग ऐसे भी है, जो पाकिस्तान में रह कर विपक्षी पार्टी को सहयोग दे रहे थे. जी हां आपकी जानकारी के लिए बता दे कि अटल जी के निधन पर केवल भारत के नेताओ और प्रधानमंत्री ने ही नहीं बल्कि विदेशो के भी कई नेताओ ने अपना दुःख जाहिर किया है. जिसमे पाकिस्तान के होने वाले नए पीएम इमरान खान का नाम भी शामिल है. गौरतलब है कि विदेशो से अटल जी के लिए कई श्रद्धांजलि भरे संदेश भेजे जा रहे है. वही भूटान के नेता खुद भारत आकर अटल जी को श्रद्धांजलि दे कर गए है.

मगर अफ़सोस कि इन सब के बावजूद अपने ही भारत के कुछ लोगो के पास अटल जी को श्रद्धांजलि देने के समय नहीं है. दरअसल हम यहाँ जिस की बात कर रहे है, वो इंसान कोई और नहीं बल्कि नवजोत सिंह सिद्धू है. जो भले ही बीजेपी पार्टी के साथ न हो, लेकिन कांग्रेस पार्टी का हिस्सा जरूर है. ऐसे में नवजोत सिंह सिद्धू का यह फर्ज बनता था कि वह अटल जी को अंतिम विदाई देने के लिए भारत में मौजूद रहे. मगर आपको जानकारी हैरानी होगी, कि अटल जी को अंतिम विदाई देना तो बहुत दूर की बात है, वास्तव में उन्होंने अटल जी के निधन पर कोई दुःख तक जाहिर नहीं किया है.

जी हां यह वास्तव में बड़े ताज्जुब की बात है कि एक राजनेता होने के बावजूद भी नवजोत सिंह सिद्धू इतनी बड़ी गलती कर बैठे. केवल इतना ही नहीं इसके इलावा नवजोत सिंह सिद्धू पाकिस्तान में रह कर अपने दोस्त इमरान खान को खूब सहयोग भी दे रहे है और उनके लिए शायरी भी पढ़ रहे है. अब यूँ तो हमने ऐसे बहुत से नेता देखे है जो अपने ही देश और भारत माँ के साथ गद्दारी करते है, लेकिन नवजोत सिंह सिद्धू ने इस बार जो हरकत की है, उससे वास्तव में यह साबित हो गया है कि उनके मन में भारत देश के लिए कितना प्रेम है, क्यूकि जो इंसान अटल जी जैसे महान व्यक्ति को अंतिम विदाई तक नहीं दे सकता और उनके निधन पर दो आंसू तक नहीं बहा सकता, वास्तव में वो व्यक्ति भारतवासी कहलाने के लायक तक नहीं है.

वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दे कि नवजोत सिंह सिद्धू को बीते बुधवार को ही चौदह दिनों के लिए पाकिस्तान का वीजा जारी किया गया है. यानि जब इमरान खान पीएम की शपथ लेंगे, तब सिद्धू साहब वही मौजूद होंगे. अब यूँ तो हर कोई अटल जी के निधन को लेकर बेहद गंभीर है, लेकिन सिद्धू जी को देख कर ऐसा लग रहा है कि उनके मन में आज कल पाकिस्तान के प्रति प्रेम कुछ ज्यादा ही छाया हुआ है.

शायद यही वजह है कि मीडिया भी इस खबर को बार बार दिखा रही है. अब हम तो सिद्धू जी से यही कहेंगे कि जो इंसान अपने देश का नहीं हो सकता, वो किसी और का क्या होगा. यक़ीनन सिद्धू जी पाकिस्तान में अपने खास दोस्त को शपथ लेते हुए देखना चाहते है, लेकिन अटल जी की अंतिम विदाई में शामिल न हो कर उन्होंने जो गलती की है, उसका भुगतान उन्हें खुद के चुनावो के दौरान भी करना पड़ सकता है.

बरहलाल हम तो यही उम्मीद करते है कि देश की जनता सिद्धू जी की इस हरकत को नजर अंदाज कर सके.