इस ठेले वाले ने कूड़े के ढेर से उठाया था इस लड़की को, देखें 25 साल बाद लड़की ने उसके साथ क्या किया

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इस दुनिया में हर व्यक्ति जीने के लिए कुछ न कुछ काम करता है जिससे वो अपने और अपने परिवार की सभी जरूरतों को पूरा कर सके और साथ ही अपने बच्चो के भविष्य के लिए भी कुछ पैसा जमा करके रखता है ताकि वे उन पैसों से अपने बच्चो के लिए कुछ अच्छा कर सके |इन्सान अपने जीवन में जैसा कर्म करता है भगवान उसे वैसा ही फल देते है अगर हम अपने जीवन में कुछ अच्छा करते है तो जरूरी  नहीं की हमे उसका फलतुरंत प्राप्त हो जाये इसमें थोडा वक्त जरुर लगता है लेकिन हमे इसका फल मिलता जरुर है |

आज के समय में हमे आये दिन क्राइम ,लूटपाट ,चोरी ,बलात्कार जैसी घटनाएँ सुनने को मिलती रहती है लेकिन वहीँ आज भी इस दुनिया में ऐसे लोग मौजूद है जो किसी की जिंदगी बचाना,किसी जरूरत मंद की मदद करना अपना सबसे बड़ा फर्ज़ समझते है और ऐसे लोगो पर भगवान हमेशा अपनी कृपा बनाये रखते है |आज हम आपको एक ऐसे ही व्यक्ति की कहानी बताने जा रहे है जिसकी कहानी जानने के बाद आपको भी यकीन हो जायेगा की आज भी इस दुनिया में इंसानियत जिन्दा है |दरअसल आज हम आपको जो मामला बताने वाले है वो आसाम का है जहाँ के एक ठेले वाले ने एक ऐसा कारनामा किया है जिसकी तारीफ सारी दुनिया में हो रही है|

बता दे आसाम के जिला तिनसुखिया में रहने वाले इस ठेले वाले का नाम सोबरन  है जो की अपना और अपने परिवार  का पेट पलने के लिए सब्जी बेचता है और ईमानदारी से पैसा कमाता है |यह घटना आज से 30 साल पहले की है जब सोबरन की उम्र करीब 30 वर्ष थी और एक दिन सोबरन जब सब्जियां बेचने के बा अपने घर की तरफ आ रहा था तो उसे रस्ते में झाड़ियों के पीछे से किसी के रोने की आवाज सुनाई दी और जब सोबरन उस आवाज को सुनकर झाड़ियों के पीछे जाकर देखा तो वहाँ का नजारा देख उसके होश उड़ गये |

दरअसल जब सोबरन उन झाड़ियों के करीब गया तो उसे वहाँ कूड़े के ढेर पर एक मासूम बच्ची रोते हुए दिखी जिसे देखकर ऐसा लग रहा था की किसी ने उसे यहाँ छोड़ दिया है और जब सोबरन चरों तरफ नजरे घुमाकर देखा तो उसे आसपास कोई भी नजर नहीं आया तो सोबरन ने  बिना कुछ सोचे सबसे पहले बच्ची को गोदी में उठा लिया और सोबरन ने उस बच्ची को गोद लेने का फैसला कर लिया और उसने सोचा कि अब वह शादी नहीं करेगा और इसी बच्ची को पालकर बड़ा करेगा. और यही उसका सहारा बनेगी |

सोबरन ने उस मासूम बच्ची को घर लाया और उसे बड़े ही लाड प्यार से पाला पोसा और बड़ा किया बिना माँ के इस बच्ची को सोबरन ने कभी भी माँ की कमी महसूस होने नहीं दिया क्योंकि वो उसे माँ और बाप दोनों का प्यार दिया करता था |सोबरन ने बड़े ही पयर से उस बच्ची का नाम ज्योति रखा था |अब ज्योति बड़ी हो चुकी है और 25 साल की हो चुकी है लेकिन आज भी सोबरन के उस त्याग और बलिदान वो नहीं  भूली है इसीलिए 25 साल पहले कूड़े में पड़ी मिली ज्योति ने भी अपने पिता का नाम रोशन करने का निर्णय लिया जिसके लिए ज्योति ने अब कुछ ऐसा कर  दिखाया है कि सोबरन को भी अपनी बेटी ज्योति पर काफी गर्व होता है|ज्योति ने सोबरन का कर्ज चुकाने के लिए क्या किया है वो आप इस विडियो में देख सकते है :