दुखद खबर : अभी अभी भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान का हुआ निधन ,शोक में डूबा पूरा देश

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कल  जहाँ पूरा देश आजादी का जश्न मनाने में व्यस्त था वही हमारे देश के पूर्व कप्तान इस दुनिया को अलविदा कह गये जिससे पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गयी है | बता दे विदेशी धरती पर टेस्ट सीरीज में भारत को पहली जीत दिलाने वाले पूर्व क्रिकेट कप्तान अजीत वाडेकर का लंबी बीमारी के बाद बुधवार को मुंबई में निधन हो गया|वह 77 वर्ष के थे|उनके परिवार में पत्नी रेखा के अलावा दो बेटे और एक बेटी है| वाडेकर ने दक्षिण मुंबई के जसलोक अस्पताल में अंतिम सांस ली|

बता दे अजीत वाडेकर  टीम इंडिया के महान कप्तान थे. जिन्होंने इंग्लैंड और वेस्टइंडीज को अपनी लीडरशिप में पहली बार हराया था|इंडिया को विश्व क्रिकेट में नई पहचान दिलाने वाले महान कप्तानों में एक थे अजित वाडेकर. उनकी बीमारी काफी लंबे समय से चल रही थी. लेकिन उन्हें इस दुनिया के बुधवार को शांति मिल गई. उनकी मौत की खबर सुनकर पूरा भारत शोक में है.

बेहद शानदार था उनका करियर

अजित वाडेकर का जन्म 1 अप्रैल 1941 को मुंबई में हुआ था. अजित वाडेकर ने अपने इंटरनेशनल क्रिकेट की शुरुआत साल 1966 से की थी और अंत 1974 में किया था. जबकि प्रथम श्रेणी क्रिकेट उन्होंने साल 1958 में खेलना शुरू कर दिया था. उन्होंने इस दौरान 37 टेस्ट मैच खेले. जिसमें उन्होंने 71 पारियों में 31 की औसत से 2113 रन बनाए. जिसमें 1 शतक और 14 अर्धशतक शामिल थे. इसके अलावा वाडेकर ने 2 वनडे मैच भी खेला. जिसमें उन्होंने 73 रन बनाए.

अजित वाडेकर को भारत सरकार ने इनके अच्छे प्रदर्शन के लिए 1967 में अर्जुन पुरस्कार से नवाजा था और फिर 1972 उन्हे पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया था|1971 में अजीत वाडेकर की अगुवाई में भारत ने इंग्‍लैंड में पहली बार जीत दर्ज की थी|लॉर्डस और ओल्‍ड ट्रेफर्ड में खेले गए पहले दो मैच के ड्रा हो जाने के बाद ओवल टेस्‍ट में भारतीय टीम ने मेजबान टीम को चार विकेट के हराकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी.

वाडेकर भारतीय क्रिकेट टीम के एकमात्र ऐसे कप्तान थे, जिन्होंने लगातार तीन सीरीज में टीम को जीत दिलायी. इनमें इंग्लैंड और वेस्टइंडीज की धरती पर भारत की जीत शामिल है|उन्होंने 37 टेस्ट मैच खेले, जिनमें 31.07 की औसत से 2113 रन बनाए. उन्होंने एकमात्र शतक (143 रन) 1967-68 में न्यूजीलैंड के विरुद्ध लगाया था. वाडेकर चार बार 90 या अधिक रन बनाकर आउट हुए, पर शतक पूरा नहीं कर सके थे|प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाडेकर को महान बल्लेबाज, शानदार कप्तान और प्रभावी क्रिकेट प्रशासक बताते हुए उनके निधन पर शोक जताया है.

प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, “अजित वाडेकर को भारतीय क्रिकेट में उनके महान योगदान के लिए याद किया जाएगा. महान बल्लेबाज और शानदार कप्तान जिन्होंने हमारी टीम को क्रिकेट के इतिहास की कुछ सबसे यादगार जीत दिलाई. वह प्रभावी क्रिकेट प्रशासक भी थे. उनके जाने का दुख है.” वाडेकर की गिनती भारत के सफल कप्तानों में होती है. वह बाएं हाथ के बल्लेबाज व कुशल फील्डर थे. उनका अन्तरराष्ट्रीय करियर आठ वर्ष का रहा. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी उनके निधन पर शोक जताया है|पूर्व भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने भी उनके निधन पर शोक जताया है.

 

वह भारतीय एकदिवसीय क्रिकेट टीम के पहले कप्तान थे|क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद उन्होंने मैनेजर के तौर भारत की राष्ट्रीय टीम में अपनी सेवा दी| वह 1990 में मोहम्मद अजहरुद्दीन की अगुवाई वाली भारतीय क्रिकेट टीम के मैनेजर थे|