IAS इंटरव्यू में लड़के से पूछा: ‘किसी नेता से पंगा हो जाए तो क्या करोगे?’ फिर मिला ऐसा जवाब कि हो गया सिलेक्ट

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UPSC सिविल सर्विस की परीक्षा सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती हैं. इसकी तोयारी करने के लिए लोग दिन रात कड़ी मेहनत करते हैं. कई किताबें पड़ते हैं और कुछ तो कोचिंग भी जाते हैं. लेकिन इन सबके बाद भी कई लोगो का इसमें सिलेक्शन नहीं हो पाता हैं. जो लोग लिखित परीक्षा निकाल भी लेते हैं वो आगे चलकर इंटरव्यू में अटक जाते हैं. ऐसा कहा जाता हैं कि IAS के लिए होने वाला इंटरव्यू काफी अलग और जटिल होता हैं. इसमें परीक्षार्थी से ऐसे ऐसे आड़े टेड़े सवाल पूछे जाते हैं कि उनका सिर चकरा जाता हैं.

यही वजह हैं कि यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के इंटरव्यू को हर कोई ज्यादा महत्त्व देता हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दे कि ये असल में इंटरव्यू कम एक चर्चा ज्यादा होती है. इस इंटरव्यू के दौरान बोर्ड मेम्बर उमीदवार की मेंटेलिटी और विचार जानने की कोशिश करते हैं. वो ये देखते हैं कि कैंडिडेट एप्टीयूड इस जॉब के लायक हैं भी या नहीं. साथ ही वे ये भी जानना चाहते हैं कि ये व्यक्ति अलग अलग मुश्किल परिस्थितियों में कैसे रियेक्ट करता हैं. उसका दिमाग कितनी तेज़ गति से और कितना सटीक प्रतिक्रिया देता हैं.

इसी इंटरव्यू की एक झलक देते हुए आज हम आपको यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2017 में 389वां स्थान पाने सौरभ कुमार से पूछा गए एक दिलचस्प सवाल के बारे में बताने जा रहे हैं. भागलपुर के रहने वाले सौरभ कुमार से इंटरव्यू में पूछा गया कि “यदि आपका किसी राजनेता से किसी मुद्दे को लेकर वादविवाद या मनमुटाव हो जाता हैं तो आप क्या करोगे?”

इस सवाल का सौरभ ने जो जवाब दिया हैं उसे आप उन्ही की जुबानी सुन लीजिए…

मुझसे इंटरव्यू में पूछा गया कि कई बार आईएस अधिकारीयों के राजेताओं के साथ संबंध अच्छे नहीं होते हैं. किसी मसले को लेकर नोकझोक होने की आशंका रहती हैं. ऐसे में आप इस सिचुएशन से कैसे निपटोगे. इस पर मैंने जवाब दिया कि “किसी भी व्यक्ति को सिविल सेवा में आने से पहले ये अच्छे से ज्ञात होना चाहिए कि उसे राजनेताओं के साथ काम करना ही पड़ेगा. यहाँ भारतीय प्रशासनिक व्यवस्था में आईएस अफसर के पास कोई दूसरा आप्शन नहीं रहता हैं. इसके अतिरिक्त यदि किसी विषय पर किसी राजनेता कोई पूरी जानकारी नहीं हैं तो ये उस आईएस ऑफिसर की ड्यूटी हैं कि वो उन्हें उस विषय के बार में पूर्ण जानकारी देकर समझाए. उन्हें ये बताए कि क्या सही हैं और क्या गलत हैं.”

सौरभ आगे कहते हैं कि “एक और बात का ध्यान सभी को रखना चाहिए कि एक आईएस ऑफिसर हमेशा रूल्स व लॉ के तहत काम करता हैं ना कि किसी राजनेता के निजी नियमो के लिए. हम आईएस अधिकारी जब भी कोई काम करे तो उसे रूल्स और लॉ के ताहत कि करे. यही सही हैं.”

सिविल परीक्षा में सौरभ का ये 6वा प्रयास था. इस परीक्षा में उनका वैकल्पित विषय मनोविज्ञन था. ईपीएफओ में असिस्टेंट कमिश्नर हैं और पश्चिम बंगाल में पदस्थ सौरभ अब तक कुल चार आईएएस इंटरव्यू फेस कर चुके हैं. वैसे तो 2016 में भी उनका सिलेक्शन हो गया था लेकिन उन्होंने ज्वाइन नहीं किया क्योंकि वे आईएएस बनना चाहते थे.