बेटा 10वीं में फ़ैल हुआ तो बाप ने बटवाई मिठाइयाँ, आतिशबाजी साथ निकाला जुलुस, वजह ऐसी कि आप भी …

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आज के जमाने में पढ़ाई लिखाई को लेकर बच्चों पर बहुत ज्यादा प्रेशर होता हैं. आजकल इतना अधिक कॉम्पिटिशन हो गया हैं कि परीक्षा में सिर्फ फर्स्ट डिविजन लाने पर कोई भी इम्प्रेस नहीं होता हैं. एक ज़माना हुआ करता था जब बेटा परीक्षा में फर्स्ट डिविजन से पास हो जाए तो घर के सभी सदस्य खुश हो जाया करते थे. लेकिन आज के जमाने में तो 60 से 70 प्रतिसत लाने की कोई वेल्यु नहीं रही हैं. ऐसे छात्रों को एवरेज स्टूडेंट कहा जाता हैं. आजकल के बच्चे पढ़ाई लिखाई पर इतना ज्यादा फोकस करते हैं कि 90 प्रतिसत लाना भी आम बात हो गई है. दरअसल इनके ऊपर अच्छे मार्क्स लाने के लिए अपने साथियों, माँ बाप, स्कूल टीचर, ट्यूशन इत्यादि का बहुत अधिक प्रेशर रहता हैं. यही वजह हैं कि कई बार बच्चे परीक्षा में 93 प्रतिसत लाने पर भी उदास हो जाते हैं क्योंकि उनका कोई साथी 95 प्रतिसत ले आया हैं.

ये अच्छे मार्क्स का चक्कर बच्चों को डिप्रेशन का शिकार बना देता हैं. कुछ मामलों ये डिप्रेशन उनकी जान तक ले लेता हैं. भारत में हर साल परीक्षा में फ़ैल होने या कम मार्क्स लाने की वजह से कई स्टूडेंट्स खुदखुशी कर लेते हैं. बच्चे अपनी इस हार को बर्दास्त नहीं कर पाते है. इन्हें फ़ैल होने से ज्यादा टेंशन इस बात का रहता हैं कि इस बारे में उनके माता पिता, टीचर और दोस्त क्या कहेंगे. इन्हें अब कम नंबर की वजह से पेरेंट्स और स्कूल टीचर्स के ताने सुनने होंगे.

हालाँकि मध्य प्रदेश में रहने वाले एक पिता की इस पुरे मामले पर अलग ही सोच हैं. इस पिता का लड़का 10वीं की परीक्षा में 6 में से 4 विषयों में फ़ैल हो गया. ऐसे में पिता ने बच्चे को कुछ कहने की बजाये पुरे परिवार में मिठाइयाँ बटवा दी. इतना ही नहीं पिता ने पूरी आतिशबाजी के साथ बच्चे का जुलुस भी निकाला. आइए इस पुरे मामले को और विस्तार से जानते हैं.

सूत्रों के अनुसार मध्य प्रदेश के सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल में 10वीं क्लास में पढ़ने वाला आशु व्यास 6 में से 4 विषयों में फ़ैल हो गया. इस बात की खबर जब उसके पिता सुरेन्द्र व्यास को लगी तो उन्होंने अपने बेटे को डाटने फटकारने की बजाए पुरे परिवार में मिठाइयाँ बटवा दी. इसके बाद पिता ने आतिशबाजी के साथ मोहल्ले में बच्चे का जुलुस भी निकाला.

दरअसल सुरेन्द्र को ये चिंता थी कि कहीं परीक्षा में कम नंबर आने की वजह से उसका बेटा निराश होकर सुसाईड ना कर ले. ऐसे में वे अपनने बेटे का मनोबल बढ़ाना चाहते थे. इसलिए उन्होंने मिठाइयाँ बटवाई और जुलुस निकलवाया. पिता के इस रिएक्शन से बेटा इतना खुश हुआ कि उसने वादा किया कि अगली बार वो और ज्यादा मेहनत करेगा और पास होकर दिखाएगा.

बताते चले कि मध्य प्रदेश में कई छात्र कम अंक आने की वजह से आत्महत्या जैसा कदम उठा चुके हैं. ऐसे में व्यास परिवार के लोगो को भी ये डर सता रहा था कि उनके परिवार का वारिश भी कहीं ऐसा खौफनाक कदम ना उठा ले. यही वजह थी कि ये लोग बच्चे को प्रोत्साहित करना चाहते थे.