करियर के पीक पर ये 1 गलती भारी पड़ी थी फाल्गुनी पाठक को, आज है ऐसी जीने को मजबूर

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बॉलीवुड में जबसे फिल्में बन रही है उसी समय से फिल्मों में गाने भी आ रहे हैं। बॉलीवुड गानों के अलावा लोगों के बीच एल्बम के गाने भी खूब मशहूर हुए हैं। यह भी कहा जा सकता है कि एल्बम के गाने बॉलीवुड फिल्मों के गाने से कुछ ज्यादा मशहूर हुए हैं। ऐसे में आज हम एक ऐसी सिंगर का किस्सा आपके लिए लेकर आए हैं जो अपने समय की सबसे टॉप सिंगर हुआ करती थी। एक ऐसी सिंगर जिस के गाने हर जगह सुनाई पड़ते थे। हम बात कर रहे हैं अपने जमाने की सबसे मशहूर सिंगर रही फाल्गुनी पाठक के बारे में। फाल्गुनी पाठक अपने जमाने की सबसे मशहूर और बड़ी सिंगर में गिनी जाती थी। लेकिन ऐसा अचानक क्या हुआ जो वह गायब हो गई। 53 साल की मशहूर सिंगर फाल्गुनी पाठक को आज भी उनके गाने ‘मैंने पायल है छनकाई’ , ‘मेरी चुनर उड़ जाए’ और ‘याद पिया’ की आने लगी जैसे दमदार गानों के लिए जाना जाता है ।

वर्ष 1998 से लेकर 2002 तक फाल्गुनी के गाने लोगों के दिलों पर राज करने लगे थे। यह एक ऐसा दौर था जब वह देशभर में काफी लोकप्रिय हो चुकी थी। इतना ही नहीं उनके गाने रिलीज होने के साथ ही इतने मशहूर हो जाया करते थे कि लोग उनके नए गानों का बड़ी बेसब्री से इंतजार किया करते थे। एवरेस्ट पर चढ़ते चढ़ते फाल्गुनी पाठक का करियर अचानक ढलने लगा, ऐसा तब हुआ जब उन्होंने अपनी शर्त पर काम करने का फैसला किया। दरअसल वर्ष 1998 में सिंगर फाल्गुनी पाठक का पहला म्यूजिक एल्बम ‘याद पिया’ की आने लगी रिलीज हुआ था। एल्बम ने लोगों के बीच धूम मचा कर रख दी थी। अपनी पहली ही एल्बम से इस तरह मिली जबरदस्त सफलता ने फाल्गुनी पाठक के हौसले और बढ़ा दिए।

इसके बाद अगले ही साल 1999 में उनका दूसरा एल्बम रिलीज किया गया जिसका नाम था ‘मैंने पायल है छनकाई’। फाल्गुनी पाठक के सितारे सातवें आसमान पर थे ऐसे में इसी बीच उनका दूसरा एल्बम भी चल पड़ा। उन्होंने अपने एल्बम से दुनिया भर में अपनी एक जबरदस्त पहचान बना ली। यह एक ऐसा दौर था जब शादियों पार्टियों में भी फाल्गुनी के ही गाने सुनाई पड़ते थे। लेकिन इसी दौरान उनसे एक गलती हो गई और अचानक से उनका करियर खराब होने लगा। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो जब उनका पहला एल्बम हिट हुआ तो कई म्यूजिक डायरेक्टर उनके पास काम को लेकर आए। फाल्गुनी पाठक को फिल्मों में गानों के ऑफर मिले, लेकिन फाल्गुनी उन सभी ऑफिस को ठुकरा दिया।

फाल्गुनी पाठक की इस तरह की जिद ने उनके करियर को काफी नुकसान पहुंचाया। दरअसल वह उस समय फिल्मों में नहीं गाना चाहती थी। हालांकि एक निजी अखबार को दिए गए अपने इंटरव्यू के दौरान फाल्गुनी से जब पूछा गया कि सालों से लो प्रोफाइल के साथ क्यों है। इस बात का जवाब देते हुए उन्होंने कहा था कि यह मेरा स्वभाव है। मैं साल भर शो करती हूं लेकिन मैं इतना मीडिया सेवी नहीं हूं। मैं हमेशा से ऐसी ही रही हूं । अपने इसी इंटरव्यू के दौरान उन्होंने इस बात का भी खुलासा किया था कि भले ही उन्हें बॉलीवुड फिल्मों से गाने के कई ऑफर मिले लेकिन उन्होंने कभी उन्हें स्वीकार करने के बारे में नहीं सोचा था। फाल्गुनी पाठक ने कहा था कि मैं बॉलीवुड को कभी भी गंभीरता से नहीं लेती हूं मुझे ऑफर तो मिले थे, लेकिन जब आप बॉलीवुड में अंदर घुस जाते हैं तो आपको पहले के मुकाबले दोगुनी मेहनत करनी पड़ती है। मैं अपने एलबम करके खुश थी।