योगी सरकार के संसदीय क्षेत्र के इस मदरसे में जो पढ़ाया जा रहा है उसे देखकर हिल जाएंगे आप

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जैसा कि हम सभी जानते हैं यूपी में योगी आदित्यनाथ की सरकार है नहीं यह भी बता दें कि योगी आदित्यनाथ के संरक्षण में राज्य की व्यवस्था उत्तम चल रही है वही बात करें अगर जाति और धर्म के भेदभाव की सीएम योगी ने इन बातों का बखूबी ध्यान रखा है और जनता को जरूरत के हिसाब से आए दिन नई योजनाओं को ला रही है। बता दें कि हाल ही में
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता वाली प्रदेश कैबिनेट ने मदरसों में दीनी तालीम के साथ एनसीईआरटी पाठ्यक्रम की पढ़ाई को भी मंजूरी दे दी थीं। जिससे अब मदरसों में उर्दू के साथ-साथ हिंदी व अंग्रेजी माध्यम से भी पढ़ाई होगी।

वहीं इस फैसले के बाद से प्रदेश के मदरसों में हुए बदलाव का असर अब तेजी से देख रहा है। अगर बात करे सीएम योगी के संसदीय छेत्र गोरखपुर का दारुल उलूम हुसैनिया मदरसे की तो आजकल ये काफी चर्चा में बना हुआ है। जी हां आपको जानकर हैरानी होगी कि यह मदरसा आधुनिक शिक्षा का केंद्र बन गया है। आपको बता दें कि आज से पहले शायद ही आपने कभी सुना होगा कि किसी मदरसे में संस्कृत भी पढ़ाई जा रही है। आपकी जानकारी के लिए ये भी बता दें कि यह मदरसा यूपी शिक्षा बोर्ड के अंतर्गत आता है। खास बात यह है कि संस्कृत पढ़ाने के लिए मुस्लिम शिक्षक ही नियुक्त किया गया है। वाकई में योगी सरकार ने बेहद ही सराहनीय कदम उठाया है।

वही ये भी बता दें कि योगी सरकार के मदरसे को लेकर फैसले के बाद से यहां अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों को विज्ञान, गणित, अंग्रेजी, अरबी के साथ-साथ हिंदी और संस्कृत की शिक्षा भी दी जा रही है। माना जा रहा है कि ऐसा पहली बार हो रहा है कि मदरसे में संस्कृत भी पढ़ाई जा रही है। यूपी शिक्षा बोर्ड के अंतर्गत आनेवाला दारुल उलूम हुसैनिया मदरसे में संस्कृत पढ़ाने के लिए मुस्लिम शिक्षक ही नियुक्त किया गया है। अगर यहां के छात्रों की बात करे तो इस मदरसे में पढ़नेवाले छात्र कहते हैं, ”हमें संस्कृत सीखना अच्छा लगता है। हमारे शिक्षक विषयों को अच्छी तरह से समझाते हैं। हम भी बहुत अच्छी तरह समझते हैं। हमारे माता-पिता भी हमें सीखने में मदद करते हैं।”

आपको बता दें कि योगी सरकार ने इस समय मदरसों को आधुनिक करने के लिए कई कदम उठा रहे हैं। मदरसा बोर्ड ने मदरसों के बच्चों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए दीनी-तालीम के साथ-साथ विषयवार व कक्षावार एनसीईआरटी की किताबें पाठ्यक्रम में शामिल करने और उर्दू के साथ हिंदी व अंग्रेजी माध्यम में भी पढ़ाई का प्रस्ताव किया है। कैबिनेट ने यूपी अशासकीय अरबी-फारसी मदरसा मान्यता प्रशासन एवं सेवा नियमावली के भाग एक प्रस्तर 10(ज) में इन प्रावधानों को जोड़ने की मंजूरी दे दी है।

ये तो आप भी समझ गए होंगे की यूपी सरकार चाहे हिंदू हो या मुस्लिम हर किसी के बारे में सोच रही है। वहीं ये भी बता दें कि योगी सरकार के इस कदम से विपक्ष के मुंह पर ताला लग गया है। जातिगत राजनीति करने वाले विपक्ष पार्टीयों को सांप सूंघ गया है।