सावधान: इस मजेदार चुटकुलों को पढ़कर हंस-हंस के पेट में दर्द हो सकता हैं, अपनी रिस्क पर ही पढ़े

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हेलो दोस्तों जोक्स की दुनियां में आप सभी का स्वागत हैं. हमें उम्मीद हैं कि आप सभी अच्छे हैं. यदि नहीं भी हैं तो टेंशन ना ले. आज हम आपका मूड बिलकुल फ्रेश कर देंगे. दरअसल आज का हमारा जोक्स का कलेक्शन बाकी सभी जोक्स से कुछ हट के हैं. आज हम आपके लिए कुछ ऐसे बेहतरीन और शानदार जोक्स लाए हैं जिन्हें पढ़कर आपकी हंसी रोके नहीं रुकेगी. ये जोक्स बेहद फनी हैं. इन्हें पढ़ने वाला इन्हें ख़त्म करने के पहले ही हंसने लगता हैं. आपके साथ भी कुछ ऐसा ही होने वाला हैं.

जोक्स हमारे टेंशन को दूर कर हमें खुश करने के लिए जाने जाते हैं. आज के जमाने में लगभग हर किसी की लाइफ में कुछ ना कुछ दुःख या तकलीफ जरूर होती हैं. कई लोग इसकी वजह से डिप्रेशन में भी चले जाते हैं. ये डिप्रेशन इनकी हेल्थ और काम दोनों पर नेगेटिव इफ़ेक्ट डालता हैं. ऐसी स्थिति में आपने मन का ध्यान भटकाना जरूरी होता हैं. इस काम के लिए जोक्स परफेक्ट होते हैं. आप चाहे कितने भी टेंशन में क्यों ना हो इन्हें पढ़ने के बाद कुछ देर के लिए ही सही लेकिन आपका ध्यान दुःख और तकलीफों से हट जाता हैं और आप जोर जोर से हंसने लगते हो.

बस यही वजह हैं कि हम भी आपके लिए समय समय पर इस तरह के मजेदार जोक्स लाते रहते हैं. तो चलिए अब बिना किसी देरी के इन जोक्स को पढ़ लेते हैं.

1. पिता बच्चे के रूम में जाते है..
देखते ही उनका बच्चा आँखों पर चश्मा रखकर थके चेहरे से पढ़ाई करते करते सो गया है…
वो पास पहुंचते है ..उसके बालो पे से हलक से हाथ घुमाते है…
हाथ की किताब बाजू में रखते है….
हलके से उसके आँखों का चश्मा निकालते है
और जोर से उसके मुह में तमाचा जड़ देते है ….
हरामखोर मेरे WhatsApp में एक मिनट पहले तू ऑनलाइन दिख रहा है ..
बाप को केजरीवाल समझता है ??

2. जज – क्या सबुत हैं कि जब एक्सीडेंट हुआ तो तुम गाड़ी तेज़ नहीं चला रहे थे?
मुजरिम – जज साहब मैं तो अपनी पत्नी को वापस लेने ससुराल जा रहा था.
जज – ओह! छोड़ तो इस मासूम को. अब ऐसे टाइम पर कोई भी गाड़ी तेज़ नहीं चला सकता हैं.

3. संता- यार कल शाम को भाभी तुझे इतना क्यों मार रही थी ?
बंता-क्या बताऊँ यार सरकारी कार्यालय में काम करते-करते मेरा भी ना दिमाग खराब हो गया है।
संता-लेकिन हुआ क्या ?
बंता-यार कल अपनी गर्लफ्रैंड को लव-लेटर लिखा और प्रतिलिपि
सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु पत्नी को भी भेज दी।

4. पत्नी बाजार से(फ़ोन पर) : अजी, मैं अब बाज़ार आयी हूँ ख़रीदारी करने। आप को कुछ चाहिए क्या?

पति: हाँ… मुझे जीवन का अर्थ चाहिए। जीवन सार्थक कैसे होता है ये चाहिए।
आत्मा की शांति चाहिए।  मुझे अपना अस्तित्व ढूँढना है।

पत्नी असमंजस होके (थोड़ी चुप्पी के बाद) : ठीक है ठीक है, कौन सी लाऊँ?
रॉयल स्टेग या बिलेण्डर प्राइड

दोस्तों यदि आपको ये जोक्स पसदं आए तो इन्हें अपने दोस्तों के सतह शेयर करना मत भूलिएगा. आपके एक बार इसे शेयर करने से ये जोक्स कई लोगो के पास पहुँच जाएंगे. इस तरह हर कोई अपने दुखो को भुलाकर थोड़ा हंस लेगा. वैसे भी कहा गया हैं कि किसी दुसरे को हंसाने से बड़ा पुण्य का काम कोई नहीं होता हैं.