हर प्रेग्नेंट महिला को एक दिन में कम से कम इतना पानी जरूर पीना चहिये वर्ना बच्चे को पहुँच सकता है नुकसान, जानें क्या पानी पीने का सही अनुपात

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माँ बनना हर औरत का सपना होता है, ऐसा माना जाता है की एक औरत तभी पूरी होती है जब वो माँ बनती है. इसलिए प्रेगनेंसी के दौरान के स्त्री को अपनी ख़ास देखभाल करने की जरुरत होती है क्यूंकि उसके अंदर एक और जान पल रहा है जिसके लिए उन्हें विशेष ध्यान रखना पड़ता है खुद का. जब एक औरत माँ बनने वाली होती है तो उस दौरान उन्हें अपने खाने का विशेष ध्यान तो रखना ही चाहिए साथ ही साथ एक दिन में उन्हें कितने पानी की जरुरत है इस बात का भी विशेष ध्यान रखने की जरुरत होती है. आज हम आपको बताने जा रहे हैं की एक दिन में प्रेग्नेंट महिला को कम से कम कितना पानी पीना चहिये.

जैसा की हम सभी जानते हैं की एक ह्यूमन बॉडी का आधा हिस्सा यानी की करीबन 50 प्रतिशत हिस्सा पानी का ही बना होता है. एक आम इंसान के लिए भी दिन में कम से कम एक से दो लीटर पानी पीना बेहद आवश्यक होता है, पानी शारीर के विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है और शारीर को अनेक प्रकार के रोगों से भी बचाकर रखता है. अब जरा सोचिये की जब एक नार्मल इंसान को रोजाना करीबन एक से दो लीटर पानी पीने की आवश्यकता होती है तो एक प्रेग्नेंट महिला को कितनी होगी. आपको बता दें की प्रेगनेंसी की अवस्था में एक महिला को कम से कम तीन से चार लीटर पानी रोजाना पीना चाहिए. डॉक्टरों की सलाह माने तो प्रेगनेंसी में एक महिला के अंदर एक और जान पल रही होती है जिसकी देखभाल के लिए और अच्छे ग्रोथ के लिए पानी की जरुरत पड़ती है. इसलिए एक प्रेग्नेंट महिला को तीन से चार लीटर पानी तो रोजाना पीना ही पीना चहिये.

बता दें की पानी एक सही मात्रा प्रेग्नेंट महिला के शारीर में होना बेहद आवश्यक होता है क्यूंकि इसी से बच्चे के टिसू का निर्माण होता है और उसके शारीर में ऑक्सीजन पहुँच पाता है. एक प्रेग्नेंट महिला के लिए इसलिए भी पानी पीना ज्यादा महत्वपूर्ण होता है क्यूंकि प्रेगनेंसी के शुरुवाती दिनों में सबसे ज्यादा चांस होता है एबॉर्शन होने का और इसलिए महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चहिये और अपने खान पान का ख़ास ख्याल रकहना चहिये. एक्सपर्ट्स की माने तो पानी के साथ साथ प्रेगनेंसी के दौरान एक महिला को जितना ज्यादा हो सके तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए जैसे की ताजे फलों का जूस और नारियल पानी आदि. बता दें की एक आम ह्यूमन बॉडी की तुलना में एक प्रेग्नेंट महिला का शारीर ज्यादा हीट उत्पन्न करता है और इसलिए प्रेगनेंसी के करीबन तीन महीनों तक यदि प्रेग्नेंट महिला के शारीर में पानी का अनुपात सही नहीं रहा तो एबॉर्शन होने की संभावना बढ़ जाती है. शुरुवाती तीन महीने हर प्रेग्नेंट महिला के लिए बेहद क्रिटिकल होता है इसलिए इस दौरान खासकरके अपना विशेष ध्यान रखने की जरुरत होती है.

इसके अलावा आपको बता दें की प्रेगनेंसी के दौरान प्रेग्नेंट महिला के शारीर में पानी की मात्रा कम रहने की वजह से उन्हें कई प्रकार के कई प्रकार के इन्फेक्शन होने का भी खतरा काफी बढ़ जाता है जो की माँ और बच्चे दोनों के लिए हानिकारण साबित हो सकता है.