काफी चेतावनी देने के बाद भी खोली गई ये 2000 साल पुरानी कब्र, अंदर का नजारा देख लोगों के उड़ गए होश

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हमारी यह दुनिया रहस्यो से भरी पड़ी हैं| इस दुनिया में कई जगह तो ऐसी हैं जिसे श्रापित माना जाता हैं| इस श्रापित जगह पर लोग नहीं जाते क्योंकि उनका मानना हैं कि यदि वो वहाँ गए तो कुछ उनके साथ अनहोनी हो जाएंगी| ऐसे ही मिस्र के अलेक्जेंड्रिया में एक कब्र को श्रापित माना जाता हैं जिसे खोलने की हिम्मत आजतक किसी को नहीं थी लेकिन अब इस रहस्यमयी और श्रापित कब्र को 2000 सालो बाद खोल दिया गया हैं|

इस कब्र को खोलने से पहले वहाँ के लोगों का कहाँ था की यदि इस कब्र को खोदा गया तो वहाँ के लोगों के साथ कुछ बुरा हो सकता हैं या कोई प्रकृतिक आपदा भी आ सकती हैं जिससे उनकी जिंदगी खतरे में पड़ सकती हैं| एक वेबसाइट के मुताबिक इसकी खोज जुलाई के शुरुआत में ही की जा रही थी लेकिन पूरी दुनिया के सामने अब लाया गया हैं|

इस कब्र को 2000 सालो बाद खोला गया| यह कब्र ग्रेनाइट से बना था| जब इस कब्र को खोला गया तब इस कब्र के अंदर खोजकर्ताओं को बदबूदार सीवर के पानी में तैरते हुए तीन पूरी तरह सड़ चुकी ममी मिली हैं| वहाँ के मीडिया के मुताबिक ये अलेक्जेंड्रिया शहर की सबसे बड़ी खोज है|

मिस्र के महासचिव मुस्तफा वज़ीरी के मुताबिक ‘ये अलेक्जेंड्रिया की सबसे बड़ी खोज है और उन्होने कहाँ की इस कब्र का किसी भी श्राप से कोई लेना-देना नहीं है| मुस्तफा वज़ीरी ने बताया कि कब्र के खुलने से हमें किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ है|’ हम सुरक्षित हैं और इस कब्र के खुलने से किसी भी तरह की कोई विपदा नहीं हैं| ये सिर्फ अफवाहें थी की ये कब्र श्रापित हैं|

2000 साल पुराने खुले इस कब्र में तीन ममी मिली हैं| वहाँ के लोगों का मानना था कि इस कब्र में वहाँ के राजा की ममी थी लेकिन मुस्तफा वज़ीरी ने बताया कि ‘कब्र में मिली तीनों ममी किसी शाही परिवार के सदस्यों का नहीं हैं क्योंकि इसमें किसी भी तरह के सोने-चांदी के मास्क या कोई ताबीज़ जैसी चीज़ नहीं मिली हैं| इससे अंदाजा लगाया जा रहा हैं की यह ममी किसी साधारण इंसान की हैं| उन्होने कहाँ कि कब्र में मिली तीनों ममी सेना के जवानों की हो सकती हैं क्योंकि इन तीनों ममी में एक ममी की खोपड़ी में तीर के घाव के निशान मिले हैं|

इस कब्र को खोलने से मिस्र के अलेक्जेंड्रिया के लोग डरते थे क्योंकि उनका मानना था कि ये कब्र श्रापित है| इससे पहले भी साल 1922 में तुतनखामून नाम के एक राजा की कब्र खोली गई थी और इसके कुछ समय बाद ही कब्र खोलने वालो को मौत हो गयी| इस वजह से वह डर आज भी लोगों में मौजूद था|

इसके बाद लोग इस कब्र को भी श्रापित मानने लगे और किसी की हिम्मत नहीं होती थी कि वो इस कब्र को खोले लेकिन मुस्तफा वज़ीरी ने सालो से आ रही इस अवधारणा को गलत साबित किया और कब्र को खोलने में सफलता पायी| लोगों का कहना था की इस कब्र का ताबूत बहुत भारी था जिसको क्रेन की मदद से खोला गया|